कम्प्यूटर का विकास (Development of Computer)
कम्प्यूटर का विकास
(Development of Computer)
कम्यूटर एक ऐसी मानव निर्मित मशीन है जिसने हमारे काम करने, रहने, स्पेलने इत्यादि सभी के तरीकों में परिवर्तन कर दिया है। इसने हमारे जीवन के हर पहलू को किसी न किसी तरह से छूआ है। यह अविश्वसनीय आविष्कार ही कम्प्यूटर है। पिछले लगभग चार दशकों
में इसने हमारे समाज के रहन सहन, काम करने के तरीके को वदल शाला है। यह जकत्री के अबाकस से शुरू होकर नवीनतम उच्च गति माइकोप्रोसेसर में परिवर्तित हो गया है।
कम्प्यूटर का इतिहास
History of Computer
1. अबाकस (Abacus):
प्राचीन समय में (गणना करने के लिए) एवैकस का उपयोग किया जाता था। एकस एक मंत्र है जिसका उपयोग आफिक गणना (Arithmatic calculation) के लिए किया जाता है। गणना तारों में पिरोये मोतियों के द्वारा किया जाता है। इसका आविष्कार चीन में हुआ था।
2. पास्कल कैलकुलेटर (Pascal Calculator) या पास्कलाइन (Pascaline) :
प्रथम गणना मशीन (Mechanical calculator) का निर्माण सन् 1645 में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पावल
(Blaise Pascal)ने किया था । उस कैलकुलेटर
में इन्टर, लॉकिंग गियर्स (Inter locking gears) का उपयोग किया गया था, जो 0 से 9 तक की संख्या को दर्शाता था। यह केवल जोड़ या घटाव में सक्षम था। अतः इसे ऐडींग मशीन (Adding Machine) भी कहा गया।
1. एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) :
सन् 1801 में जोसफ मेरी जैकवार्ड ने स्वचालित बुनाई मशीन (Automated weaving loom) का निर्माण किया। इसमें धातु के गेट को छेदकर पच किया गया था और जो कपड़े की बुनाई को नियंत्रित करने में सक्षम था ।
सन् 1820 में एक अंग्रेज आविष्कारक चार्ल्स बैबेज ( Charls Babbage ) ने डिफरेंस इंजन (difference Engine) तथा बाद में एनालिटिकल इंजन बनाया। चाल्स बैबेज के कॉनोष्ट का उपयोग कर पहला कम्प्यूटर प्रोटोटाइप का निर्माण किया गया। इस कारण चार्ल्स
बैबेज को 'कम्यूटर का जन्मदाता' (Father of Computer) कहा जाता है। दस साल के मेहनत के बावजूद वे पूर्णतः सफल नहीं हुए। सन् 1842 में लेडी लवलेश (Lady Lavelace) ने एक पेपर L.F. Menabrea on the Analytical Engine का इटालियन से अंग्रेजी में रूपान्तरण किया। अगस्टा ने
ही एक पहला Demonstration Program लिखा और उनके बाइनरी अर्थमेटिक के योगदान को जॉन वॉन न्यूमैन ने आधुनिक कम्प्यूटर के विकास के लिए उपयोग किया।
इसलिए अगॅस्टा को प्रथम प्रोग्रामर' तथा 'वाइनरी प्रणाली का आविष्कारक' कहा जाता है।
4. हरमन होलर्थ और पंच कार्ड (Herman Hollerth and Punch Cards) :
सन् 1880 के लगभग होलर्थ (Hollerth) ने पंच काई का निर्माण किया. जो आज के Computer
card के तरह होता था। उन्होंने ( होलर्थ ) 80 कॉलम कोड और सेंसस टेबुलेटिंग मशीन (Census Tabulator) का भी आविष्कार किया।
5: प्रधम इलेक्ट्रानिक कम्यूटर-ENIAC (First electronic computer-ENAC):
सन् 1942 में हावर्ड यूनिवर्सिटी के एच आइकनने
एक कम्प्यूटर का निर्माण किया। यह कम्यूटर Mark I आज के कम्प्यूटर का प्रोटोटाइप था। सन् 1946 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ENIAC (Electronic Numerical Integrated and Calculator) का निर्माण हुआ। जो प्रथम पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था।
6.स्टोई प्रोग्राम कॉन्सेप्ट-EDSAC(Stored Trogram.Concept-EDSAC):
स्टोर्ड प्रोग्रामकान्सेप्ट के अनुसार प्रचालन निर्देश (Operating instructions) और आँकड़ा (Data) जिनका प्रोसेसिंग में उपयोग हो रहा है उसे कम्प्यूटर में स्टीई (stored) होना चाहिए और आवश्यकतानुसार
प्रोग्राम के क्रियान्वयन (execution) के समय रूपान्तरित होना चाहिए। एडजैक (EDSAC)
कम्यूटर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में विकसित किया गया था, जिसमें स्टोर्ड प्रोग्राम कॉन्सेप्ट समाहित
था। यह कम्प्यूटर में निर्देश (Instruction) के अनुक्रम (Sequence) को स्टोर्ड करने में सक्षम या और पहला कम्प्यूटर प्रोग्राम के समतुल्य था।
7. यूनिवैक (UNIVAC-1):
इसे Universal Automatic Computer भी कहते हैं। सन 1951 में व्यापारिक उपयोग के लिए उपलब्ध या प्रथम कम्प्यूटर था। इसमें कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी (First generation) के गुण (characteristics) समाहित थे।
कम्प्यूटर पीढ़ी
Computer Generation
कम्यूटर की विभिन्न पीढ़ियों को विकसित करने का उद्देश्य सस्ता, छोटा, तेज तथा विश्वास कम्यूटर बनाना रहा है।
प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर
First Generation Computer--1942-1955
यूनिवैक ( UNIVAC ) पहला व्यावसायिक कम्प्यूटर था। इस मशीन का विकास फौज और वैज्ञानिक उपयोग के लिए किया गया था। इसमें निर्वात ट्यूब (Vaccum Tubes) का प्रयोग किया गया था। ये आकार में बड़े और अधिक ऊष्मा उत्पन्न करने वाले थे। इसमें सारे निर्देश तथा सूचनायें 0 तथा 1 के रूप में कम्प्यूटर में संग्रहित होते ये तथा इसमें मशीनी भाषा (Machine Language) का प्रयोग किया गया था।
संग्रहण के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया गया था।
उदाहरण-इनियक (ENIAC), यूनिवैक UNIVAC)
तथा मार्क-1 इसके उदाहरण है। निर्वात् ट्यूब के उपयोग
में कुछ कमियों भी थी। निर्वात ट्यूब गर्म होने में समय
लगता था तथा गर्म होने के बाद अत्यधिक ऊष्मा पैदा होती थी, जिसे ठंडा रखने के लिए खाली वातानुकूलित यंत्र (Air-conditioning System) का उपयोग करना पड़ता था, तथा अधिक मात्रा में विद्युत् खर्च होती थी।
दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर
Second Generation Computer-1955-1964
इस पीढ़ी को कम्प्यूटर में निर्वात ट्यूब की जगह हल्के छोटे ट्रांजिस्टर (Transitor) का प्रयोग किया गया। कम्प्यूटर में ऑकड़ों (Data) को निरूपित करने के लिए मैग्नेटिक कोर का उपयोग किया गया। आँकड़ों को संग्रहित करने के लिए मैग्नेटिक डिस्क तथा टेप का उपयोग किया गया। मैग्नेटिक डिस्क पर आयरन ऑक्साइड की परत होती थी। इनकी गति और संग्रहण
क्षमता भी तीव्र थी। इस दौरान व्यवसाय तथा उद्योग जगत में कम्प्यूटर का प्रयोग प्रारंभ हुआ तथा नये प्रोग्रामिंग भाषा का विकास किया गया।
तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर
Third Generation Computer--1965-1974
इलेक्ट्रॉनिक्स में निरंतर तकनीकी विकास से कम्प्यूटर के आकार में कमी, तथा तीव्र गति से कार्य करने की क्षमता का विकास हुआ। तीसरी पीढी के कम्प्यूटर ट्रांजिस्टर के जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit-I.C.) का प्रयोग शुरू हुआ जिसका विकास जे. एस किल्बी (U.S. Kilbi) ने किया। आरम्भ में LSI (Large Scale Integration) का प्रयोग किया गया। जिसमें एक सिलिकॉन चिप पर बड़ी मात्रा में I.C. (Integrated circuit) या ट्रॉजिस्ट का प्रयोग किया गया। RAM (Random Access Memory) के प्रयोग होने से मैग्नेटिक टेप तथा डिस्क के संग्रहण क्षमता में वृद्धि हुई। लोगों द्वारा प्रयुक्त कम्यूटर में टाइम शेयरिंग का विकास हुआ, जिसके द्वारा एक से अधिक यूजर एक साथ कम्प्यूटर के संसाधन का उपयोग कर सकते थे। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अलग-अलग मिलना प्रारंभ हुआ ताकि युजर अपने आवश्यकतानुसार सॉफ्टवेयर ले सके।
चौथी पीढ़ी के कम्यूटर
Fourth Generation Computer-1975-up till now
चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर में L51 IC के जगह VLSI (Very Large Scale Integration) तथा ULSI (Ultra Large Scale Integration) का प्रयोग आरम्भ हुआ जिसमें एक चिप में लगभग लाखों चीजों को संग्रहित किया जा सकता था। VLSI तकनीक के उपयोग से माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण हुआ जिससे कम्प्यूटर के आकार में कमी और क्षमता में वृद्धि हुई।
माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग न केवल कम्प्यूटर में बल्कि और भी बहुत सारे उत्पादों में किया गया, जैसे-वाहनों, सिलाई मशीन, माइक्रोवेव ओवन, इलेक्ट्रॉनिक गेम इत्यादि में। मैग्नेटिक डिस्क तथा टेप के स्थान पर Semiconducter मेमोरी का उपयोग होने लगा। रैम (RAM) की क्षमता में वृद्धि से समय की बचत हुई और कार्य अत्यंत तीव्र गति से होने लगा। इस दौरान
GUI(Graphical User Interface) के विकास से कम्प्यूटर का उपयोग करना और सरल हो गया। MS-DOS, MS-Windows तथा Apple Mac OS ऑपरेटिंग सिस्टम तथा भाषा (Language) का विकास हुआ। उच्चस्तरीय भाषा (Highlevel language) का मानकीकरण (standardization) किया गया ताकि प्रोग्राम सभी कम्यूटरों में चलाया जा सके।
पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर
The Fifth Generation Computer-At present
पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर में VLSIके स्थान पर ULSI(UltraLarge Scale Integration)
का विकास हुआ और एक चिप द्वारा करोड़ों गणना करना संभव हो सका । संग्रहण (Storage)
के लिए सीडी (Compact Disk) का विकास हुआ। इंटरनेट, ईमेल तथा वर्ल्ड वाइड वेव (www) का विकास हुआ। बहुत छोटे तथा तीव्र गति से कार्य करने वाले कम्प्यूटर का विकास हुआ। प्रोग्रामिंग की जटिलता कम हो गई। कृत्रिम ज्ञान क्षमता (Artificial Intellegence) को विकसित करने की कोशिश की गई ताकि परिस्थिति अनुसार कम्प्यूटर निर्णय ले सके। पोर्टेबल पीसी (Portable PC) और डेस्कटॉप पीसी (Desktop PC) ने कम्प्यूटर के क्षेत्र में क्रांति ला
दिया तथा इसका उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में होने लगा।
पीढ़ियों की विशेषताएं
प्रथम पीढ़ी 1. इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में निर्वात ट्यूब का उपयोग।
2. प्राइमरी इंटरनल स्टोरेज के रूप में मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग।
3. सीमित मुख्य भंडारण क्षमता (Limited main storage capacity)|
4. मंद गति के इनपुट-आउटपुट।
5. निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा, मशीनी भाषा, असेम्बली भाषा।
6. ताप नियंत्रण में असुविधा।
7. उपयोग-पेरील प्रोसेसिंग और रिकार्ड रखने के लिए।
8. उदाहरण-IBM 650 UNIVAC
द्वितीय पीढ़ी 1. ट्रांजिस्टर का उपयोग आरम्भ ।
2 प्राइमरी इन्टरनल स्टोरेज के रूप में चुम्बकीय कोर (Magnetic core) का
उपयोग।
3. मुख्य भंडारण क्षमता में वृद्धि ।
4. तीव्र इनपुट-आउटपुट!
5. उच्च स्तरीय भाषा (कोबोल, फॉरट्रान )
6. आकार और ताप में कमी।
7. तीव्र और विश्वसनीय।
8. बैंच ओरिएन्टेड उपयोग-बिलिंग, पेरोल प्रोसेसिंग, इनमेन्टरी फाइल की अपडेसन।
9. उदाहरण- IBM 1401 Honey well 200CDC1604.
तृतीय पीढ़ी 1. इंटीग्रेटेड चिप का उपयोग ।
2 चुम्बकीय कोर और सॉलिड स्टेट मुख्य भंडारण के रूप में उपयोग । (SSI और MSD )
3. अधिक लचीला (More Flexible) इनपुट आउटपुट।
4. तीव्र, छोटे, विश्वसनीय।
5. उच्चस्तरीय भाषा का वृहत् उपयोग।
6. रिमोट प्रोसेसिंग और टाइम शेयरिंग सिस्टम, मल्टी प्रोग्रामिंग ।
7. इनपुट आउटपुट को नियंत्रित करने के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध।
8. उपयोग-एयरलाइन रिजर्देशन सिस्टम, केडीट काई बिलिंग, मार्केर
फोरकास्टिंग।
१. उदाहरण- IBM System/360, NCR 395. Buriough B6500
चतुर्थ पीठी 1. VLSI का तथा ULSI उपयोग।
2 उच्च तथा तीव्र क्षमता वाले भंडारण।
3. भिन्न-भिन्न हाईवेयर निर्माता के यंत्र बीच एक अनुकूलता ताकि उपभोक्ता किसी एक विक्रेता से बाध्य न रहे।
4. मिनी कम्प्यूटर के उपयोग में वृद्धि।
5. माइक्रोप्रोसेसर और मिनी कम्प्यूटर का आरंभ।
6. उपयोग- इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, व्यवसायिक उत्पादन और व्यक्तिगत उपयोग।
7..उदाहरण- IBM PC-XT, एप्पल |
पांचवी पीढ़ी 1. ऑप्टिकल डिस्क का भंडारण में उपयोग।
2 . इंटरनेट, ई-मेल तथा www का विकास।
3. आकार में बहुत छोटे, तीव्र तथा उपयोग में आसान प्लग और प्ले ।
4. उपयोग-इंटरनेट, मल्टीमीडिया का उपयोग करने में।
5. उदाहरण- IBM नोटबुक, Pentium PC सुपर कम्प्यूटर इत्यादि ।
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