Chapter – 10 इंटरनेट (Internet)
1. सूचनाओं की खोज (Search for Information) :
इंटरनेट पर बहुत होते हैं जिनमें लिटरेचर, सिनेमा, शेयर्स, संगीत का भंडार और भी बहुत सारी जानकारियों का भंडार इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होता है। लेकिन अगर हम इनको ढूँढ पाने में सक्षम नहीं होते हैं तो इंटरनेट पर सर्च टूल भी है, जिनपर इन्हें टाइप कर इनका URL पता कर सकते हैं तथा ब्राउज कर सकते हैं। कुछ सर्च इंजन निम्नलिखित हैं-गूगल [http://www.google.com) , लाइकास [http://www.lycos.com), याहू (http://www.yahoo.comj, खोज [http://www.khoj.com) इत्यादि । साइबर 411 (Cyberan) एक विशाल सर्च इंजन है जो 16 सर्च इंजन के परिणाम को मिलाकर देता है और यह बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। खोज एक भारतीय सर्च इंजन है।
2. इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail) : यह व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला इंटरनेट सेवा है जिसे संक्षिप्त में ई-मेल (e-mail) कहते हैं। ई-मेल पते के दो भाग होते हैं यूजर नाम तथा डोमेन नाम | इसके द्वारा संदेश को शीघ्र भेजा या प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक उपयोगकर्ता का ई मेल एट्रेस तथा पासवर्ड होता है जो ई-मेल एकाउन्ट बनाकर प्राप्त किया जाता है। पासवर्ड से उपयोगकर्ता अपने ईमेल की गोपनीयता बरकरार रख सकता है। ई-मेल का Subject संदेश के विषय-वस्तु के बारे में बताता है। ई-मेल एकाउन्ट में एक स्टोरेज एरिया होता है जिसे मेल-याक्स करते हैं। प्रेषित मेल प्राप्तकर्ता के मेल बॉक्स में चला जाता है, जिसे खोलकर प्राप्तकर्ता संदेश प्राप्त करता है। ई-मेल के साथ ग्राफ, ध्वनि, फाइल या फोटो जोड़कर भेजा जा सकता है जिसे Attachments कहते हैं। यह डाक टिकट की आवश्यकता को बताता है तथा संदेश को भेजने तथा प्राप्त करने में लगे समय की बचत करता है। ड्राफ्ट फोल्डर संदेशों की कापियाँ रखता है जिसे हम आरंभ करते हैं या भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। ई-मेल का जन्मदाता आर टोमलिसन है। पहला फ्री ई-मेल सेवा के जन्मदाता सबीर भाटिया जिन्होने जून 1996 में हॉटमेल सेवा शुरू की। भारत में प्रमुख ई-मेल प्रदान करने वाले साइट www.rediffmail.com, www.yahoomail.com, www.hotmail.com, www.india.com, www.gmail.com
3. दूसरे व्यक्ति से वार्तालाप करना (Chat with other people): यदि हम अनजान व्यक्ति से बात करना तथा नये दोस्त बनाना पसंद करते है तो इंटरनेट सबसे अच्छा माध्यम है। चैट प्रोग्राम के द्वारा बिना किसी व्यक्ति की भौगोलिक स्थिति जाने हुए हम बातचीत कर सकते हैं। चैट के अन्तर्गत यूजर किसी विषय पर लिखित रूप से चर्चा करते हैं। इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटरों का उपयोग कर दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा वार्तालाप करमा चैटिंग (Chatting) कहलाता है।
4. टेलनेट (Telnet) : टेलनेट प्रोग्राम का प्रयोग कर हम दूसरे कम्प्यूटर को जोड़कर ऐसे कार्य कर सकते हैं, जैसे हम उसके की बोर्ड के पास बैठे हैं। हम अपने कम्प्यूटर द्वारा दूर हर साइट के लिए भिन्न-भिन्न होता है। स्थित कम्प्यूटर पर कार्य कर सकते हैं तथा उसके संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। इसे रिमोट लॉगिन (Remote login) भी कहा जाता है।
5. यूजनेट (Usenet): यह लोगों का समूह है जो सभी जगह मान्यता प्राप्त एक या अधिक लेवल News group के द्वारा विषय (Article) की अदला-बदली (Exchange) करते हैं। यूजनेट अपने उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध ग्रुप के सेट के बारे में निर्णय लेता है। यह सेट हर साइट के लिए भिन्न भिन्न होता है ।
6. वर्ल्ड वाइड वेव (World Wide Web): वर्ल्ड वाइड वेब (www) और इंटरनेट दोनों दो चीजें हैं परन्तु दोनों एक-दूसरे पर निर्भर है। वर्ल्ड वाइड वेब जानकारी युक्त पेजों का विशाल संग्रह है जो एक दूसरे से जुड़ा है। जिसे वेब पेज कहते हैं। वेब पेज HIML भाषा में लिखा होता है जो कम्प्यूटर में प्रयुक्त एक भाषा है। HTML हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज का सक्षिप्त रूप है। हर पेज टेक्स्ट, चित्र. ध्वनि क्लिप, विडियो क्लिप, एनिमेशन और विभिन्न चीजों का संयोग है। वैब पेज को जो रोचक बनाता है वह है हाइपरलिक, जिसे अक्सर लिंक कहा जाता है। हाइपरलिंक पर माउस प्याइंटर से प्वाइंट करने पर प्वाइंटर का आकार हाय जैसा हो जाता हर लिंक किसी दूसरे पेज को इंगित करता है और जब हम इस पर क्लिक करते हैं, हमारा ब्राउजर लिंक से जुड़े पेज को उपलब्ध कराता है। अतः वर्ल्ड वाइड वेब एक विशाल सूचनाओं का डेटाबेस है तथा हर सूचना एक दूसरी सूचना से जुड़ा है। वेव फेज को रीलोड करने के लिए रिलोड बटन का प्रयोग करते हैं। वल्र्ड वाइड वेब का विकास टिम वर्नर्स लीने 1989 में क्रिया या।
7.फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP): यह इंटरनेट पर जुड़े दो कम्यूटर के बीच फाइल स्थानान्तरण करने की सुविधा है। वेव ब्राउजर का उपयोग कर रुम फाइल को डाउनलोड तो कर सकते हैं, पर अपलोड नहीं कर सकते हैं। FTP अनुप्रयोग हमें वेब साइट पर फाइल अपलोड करने में सहायता करता है।
8.ई-कॉमर्स (E-Commerce): ई-कॉमर्स बिना कागज के व्यापार जानकारी का इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के द्वारा आदान-प्रदान है। ई-कॉमर्स के अन्तर्गत वस्तुओं या सेवाओं को खरीद या बिक्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जैसे- इंटरनेट के द्वारा होता है। यह इंटरनेट पर व्यापार है।
9.विडियो कान्फरेंसिंग (Video Conferencing): यह इंटरनेट के द्वारा विभिन्न स्थलों पर ऑडियो और विडियो डेटा संचारित करने के लिए तथा दो या दो से अधिक प्रतिभागियों के बीच एक सम्मेलन का आयोजन करने में सक्षम बनाता है। अर्थात् दो या दो से अधिक व्यक्ति इंटरनेट के द्वारा ऐसे वार्तालाप कर सकते हैं जैसे थे आमने सामने हों। इसमें कम्प्यूटर के साथ साथ विडियो कैमरा, माइक्रोफोन तथा स्पीकर की आवश्यकता होती है। यह एक विडियो टेलीफोन की तरह काम करता FT Voice Conversation इंटरनेट टेलीफोनी के माध्यम से भी संभव है।
10. ऑनलाइन खरीदारी (Online Shopping): ऑनलाइन खरीदारी की प्रक्रिया में उपभोक्ता उत्पादों या सेवाओं को खरीद इंटरनेट के माध्यम से करते हैं, तया इंटरनेट के माध्यम में उपभोक्ता की मांगों को पूरा किया जाता है।
11. मनोरंजन (Entertainment): इंटरनेट का उपयोग मनोरंजन के लिए भी किया जाता है। जैसे- ऑनलाइन गेम, सिनेमा, कहानियों, खेल, संगीत आदि का इंटरनेट पर असीम भंडार है ।
12. ई-लर्निंग (e-learning);। बिना क्लासरूम में गये कम्प्यूटर के विषय में अध्ययन को ई-लर्निंग कहते हैं।
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