Chapter –7 डाटा प्रतिनिधित्व और संख्या पद्धति ( Data Representative and Number System )
डेटा प्रतिनिधित्व और संख्या प्रणाली
(Data Representation and Number System)
डेटा प्रतिनिधित्व कम्प्यूटर के अन्दर डेटा को संग्रह करने की विधि है । कम्प्यूटर विभिन प्रकार के डेटा का संग्रह करता है। जैसे-संख्या, टेक्सट, ग्राफिक्स, ध्वनि इत्यादि।
ये सारे डेटा हमें अलग अलग लगते हैं परन्तु कम्प्यूटर में ये सारे डेटा को एक ही स्वरूप में संग्रहित किया जाता है। यह त्वरूप है। 0 तथा 1 के क्रम में (अर्थात डिजिटल रूप में) कम्प्यूटर ये सारी संग्रहित जानकारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए सांख्यिक कोड (numeric code) का उपयोग करते हैं।
सामान्यतः हमलोग 0 से 9 का उपयोग कर कोई भी संख्या लिखते हैं, इसका आधार 10 (Decimal Number System) होता है। परन्तु कम्यूटर में कोई भी पूरी संख्या 0 और 1के द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है।
कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाली संख्या पद्धतियों निम्नलिखित हैं-
1. द्विआधारी संख्या पद्धति (Binary Number System)
2 आक्टल संख्या पद्धति (Octal Number System)
3. हेक्साडेसिमल संख्या पद्धति (Hexndecimal Number System)
1. द्विआधारी संख्या पद्धति
Binary Number System
कम्प्यूटर गणना के लिए केवल दो संख्या 0 तथा 1 का उपयोग करता है जो कम्प्यूटर के परिपथ में प्रवाहित हो रही विधुत धारा की 'ऑन' तथा 'ऑफ' दो स्थिति का संकेतात्मक मान है। जब परिपथ में धारा प्रवाहित हो रही है तब उसका संकेतात्मक मान 1 होता है अन्यथा 0
होता है। इन 0 तथा 1 को बाइनरी संख्या कहते हैं एक बाइनरी संख्या को बिट (Bit) कहते है।
इस संख्या पद्धति का उपयोग कम्यूटर द्वारा डेटा संग्रह या गणना करने के लिए होता है।
चित्र की सहायता से अब हम देख सकते हैं कि कम्प्यूटर इन दोनों संख्या का उपयोग कर कैसे कार्य करता है। दशमलव प्रणाली (Decimal Number System) में अंकों का आधार 10 है तथा इसमें प्रत्येक अंक का अलग स्थान है। उसे हम उस अंक का स्थानीय मान कहते है।
जैसे- संख्या 17 में 1का स्थानीय मान 10 तथा 7 का स्थानीय मान 1 है।
अर्थात् (1×10) + (7x1) = 17
इसी तरह बाइनरी प्रणाली में स्थानीय मान 2 पर आधारित है।
द्विआधारी का दशमलव में रूपान्तरण
Conversion from Binary to Decimal
द्विआधारी को दशमलय में रूपान्तरित करने के लिए द्विआधारी संख्या के अंकों को उसके स्थानीय मान से गुणा कर प्राप्त सभी गुणनफल को जोड़ दिया जाता है।
Conversion from Decimal to Binary
दशमलव को द्विआधारी संख्या में रुपान्तरित करने के लिए दशमलव संख्या को दो (2) द्वारा विभाजित करते हैं, फिर इसके भागफल को दो द्वारा पुनः तब तक विभाजित करते है, जबतक कि भागफल एक या शून्य न हो जाये।
दशमलव के बाद वाले संख्या को द्विआधारी में बदलने के लिए 2 से लगातार गुणा करते तथा इसके पूर्णांक (Integer) भाग को अलग लिखते जाते हैं। उदाहरण-0.6875, को द्विआधारी पद्धति में बदलें।ऑक्टल संख्या पद्धति
Octal Number System
ऑक्टल संख्या पद्धति में 0 से 7 अर्थात् 8 अंकों के द्वारा संख्या का प्रतिनिधित्व किया जाता है। दशमलव संख्या पद्धति में हर स्थानीय मान 10 के गुणक में बढ़ता है तथा द्विआधारी संख्या पद्धति में 2 के गुणक में बढ़ता है, परन्तु ऑक्टल संख्या पद्धति में 8 के गुणक में बढ़ता
है। इनमें आधार 8 होता है।
ऑक्टल का दशमलव में रूपान्तरण
Conversion from Octal to Decimal
ऑक्टल को दशमलव में रूपान्तरित करने के लिए ऑक्टल संख्या के अंकों को उसके
स्थनीय मान से गुणा कर फिर सभी को जोड़ दिया जाता है।
Conversion of Decimal to Octal
दशमलव को ऑक्टल में रूपान्तरित करने के लिए दशमलव को 8 के द्वारा तब तक विभाजित किया जाता है जब तक कि भागफल 8 से कम हो जाये।
Conversion from Octal to Binary
ऑक्टल को द्विआधारी में रूपान्तरित करने की दो विधियों है।
1. ऑक्टल संख्या को द्विआधारी में रूपान्तरित करने के लिए पहले उसे दशमलव में रूपान्तरित
करते हैं फिर दशमलव को बाइनरी में रूपान्तरित करते हैं।
जैसे- ऑक्टल संख्या 1 को द्विआधारी संख्या में 001 लिखते हैं।
अतः ऑक्टल संख्या को द्विआधारी में रूपान्तरित करने के लिए उसे उनके तीन अंकों के द्विआधारी समूह से परिवर्तित कर देते हैं।
Conversion from Binary to Octa
द्विआधारी को ऑक्टल में रूपान्तरित करने की दो विधियों हैं।
प्रथम विधि में द्विआधारी संख्या को दायें से आरम्भ कर तीन-तीन द्विआधारी अंकों का समूह बना कर उसका ऑक्टल मान प्राप्त किया जाता है।
पहले दशमलय में रूपान्तरित करते हैं. फिर उसे ऑक्टल में रूपान्तरित किया जाता है।
उदाहरण-111010101,को ऑक्टल में बदलें
Conversion of Hesadecimal To Binary
हेक्साडेसिमल को द्विआधारी में रूपांतरित करने की दो विधियों है-
1. हेक्साडेसिनल को द्विआधारी में रूपान्तरित करने के लिए पहले दशमलव में बदलकर फिर उसे द्विआधारी में रूपान्तरित करते हैं।
अंकों के समूह से बदल देते हैं।
उदाहरण- B6A, की द्विआधारी में बदलें।
Conversion of Binary to Hexadecimal
द्विआधारी को हेक्साडेसिमल में रूपान्तरित करने के लिए उसे दायें से चार-चार अंकों के समूह में विभाजित कर उसका हेक्साडेसिमल मान से रूपान्तरित कर देते हैं।
द्विआधारी जोड़ भी दशमलव जोड़ के तरह होता है परन्तु इसमें केवल दो अंकों 0 तथा 1 का उपयोग होता है। सबसे दायें वाले कॉलम से जोड़ना आरम्भ करते हैं।
यह भी केवल दो अंक 0 तथा 1 का घटाव
है। सबसे दायें वाले कॉलम से घटाना आरम्भ करते हैं।
द्विआधारी घटाव करने के लिए चार नियम निम्नलिखित हैं-
यह सामान्य दशमलव गुणा की ही तरह
किया जाता है। द्विआधारी अंक को दशमलव (Decimal) में बदल कर इसका गुणनफल निकालते हैं और फिर उसे द्विआधारी में बदला जाता है या द्विआधारी अंकों का ही गुणनफल निकाला जाता है।
इसकी दो विधियाँ है:
यह भी दशमलव (Decimal) भाग के तरह ही किया जाता है। द्विआधारी भाग के नियम निम्नलिखित हैं-
(i) 0÷1=0 (ii) 1÷1=1
कम्यूटर में डेटा की संग्रहित करने के यंत्र को मेमोरी कहते हैं। मैमोरी में डेटा बाइनरी रूप (0 तथा 1) में संग्रहित होता है।
बिट (Bit):
यह कम्यूटर मेमोरी की सबसे छोटी इकाई है। एक बिट का केवल एक ही मान होता है, 0 या 1
निब्बल (Nibble): यह चार बिट का समूह है।
बाइट (Byte):
यह आठ बिट का समूह है। डेटा को बाइट में मापा जाता है। किसी भी अक्षर, चित्र या स्पेस के लिए कम से कम एक वाइट स्थान की आवश्यकता होती है।
शब्द (Word):
यह बिट्स का समूह है। कम्प्यूटर जिसे एक इकाई के तरह व्यवहार करता है। शब्द की लंबाई विभिन्न मशीनों के अनुसार बदलता रहता है।
मेमोरी माप
Memory measurement
4 बिट्स = 1 निब्बल
8 बिट्स = 1 बाइट्स
1024 बाइट्स = 1 किलो बाइट (KB)
1024 किलो बाइट्स = 1 मेगा बाइट (MB)
1024 मेगा बाइट्स = 1 गीगा बाइट (GB)
1024 गीगा बाइट्स -1टेरा बाइट (TB)
कम्प्यूटर कोड्स
Computer Codes
कम्यूटर में कैरेक्टर जैसे अल्फाबेट, संख्या या कोई चिह्न बिट्स के समूहों में स्टोर किया जाता है, जो किसी विशेष द्विआधारी पैटर्न पर आधारित होता है। ये विशेष द्विआधारी पैटर्न भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है। जिसे कम्प्यूटर कोड्स कहते हैं।
कम्प्यूटर कोडिंग सिस्टम विभिन्न प्रकार के होते हैं-
1. बी सी डी (BCD-Binary Coded Decimaly): इसे पैकेट दशमलव (Packet
Decimal) भी कहते हैं। इसमें दशमलव संख्या के प्रत्येक अंक को द्विआधारी के चार अंकों के
समूह से परिवर्तित कर दिया जाता है।
यह अमेरिकन स्टैंडर्ड कोड फॉर इनफॉर्मेशन इंटरचेंज का संक्षिपत नाम है। ASCII सिस्टम में एक कैरेक्टर को 7 बिट्स से निरूपित करते है तथा 256 कैरेक्टर निर्मित किये जा सकते हैं।
3.एब्सडिक कोड (EBCDIC):
यह एक्सटेन्डेड बाइनरी कोडेड डेसीमल इंटरचेंज कोड का संक्षिप्त नाम है। इस सिस्टम में एक कैरेक्टर को 8 बिट्स से निरूपित करते हैं। आस्की तथा एब्सडिक सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला कोडिग सिस्टम है।
लॉजिक गेट
Logic Gate
सभी डिजिटल सिस्टम केवल तीन आधारभूत गेट से बने होते हैं। ये तीनों क्रमशः AND गेट, OR गेट तथा NOT गेट हैं। गैट एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जहाँ 1 या 1 से अधिक इनपुट डाल कर आउटपुट प्राप्त कर सकते हैं।
AND गेट-AND गेट के सर्किट को इस प्रकार दर्शाया जाता है।
NOT गेट - NOT गेट के सर्किट को इस प्रकार दर्शाया जाता है ।
इन तीनो गेटो की सहायता से अन्य गेटे भी बनाई जाती है, जो निम्न है–
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